सिरसा: पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश का असर अब सिरसा जिले पर साफ दिखने लगा है। लगातार बरसात से नदियों और नालों का जलस्तर बढ़ चुका है, जिसकी सबसे बड़ी मार घग्गर नदी पर पड़ी है। बीती रात घग्गर का पानी अचानक बढ़ने से सिरसा जिले के कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात बन गए। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि नेजाड़ैला खुर्द और मल्लेवाला गांव के बीच बनी अंदरूनी बांध की दीवार टूट गई। बांध टूटने के बाद पानी खेतों में घुस गया और लगभग एक हजार एकड़ में खड़ी फसल बर्बाद हो गई।
ग्रामीणों ने बताया कि कल की तुलना में आज पानी का स्तर करीब दो फीट और बढ़ चुका है। इस बढ़ोतरी ने किसानों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। फसल के साथ-साथ कई ट्यूबवेल भी पानी की चपेट में आ गए हैं, जिससे सिंचाई व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई है। ग्रामीण कैलाश और विनोद ने बताया कि प्रशासन और ग्रामीण मिलकर बांधों को मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं।
प्रशासन की ओर से देर रात मशीनरी भेजी गई और जेसीबी से बांधों को पक्का करने का काम शुरू हुआ। इसके साथ ही स्थानीय ग्रामीण खुद भी रातभर पहरा देकर हालात पर नजर रखे हुए हैं। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है और किसी भी आपात स्थिति के लिए टीमों को तैयार रखा गया है।
ग्रामीणों का कहना है कि अभी स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन अगर आने वाले दिनों में बारिश इसी तरह जारी रही तो खतरा और बढ़ सकता है। पहाड़ी क्षेत्रों से आने वाले पानी ने घग्गर नदी का बहाव तेज कर दिया है। अगर जलस्तर और चढ़ता है तो आसपास के गांवों में बाढ़ का खतरा और गहरा सकता है।
खेती किसानी पर इसका सीधा असर देखने को मिल रहा है। जिन खेतों में धान और कपास जैसी फसलें खड़ी थीं, वे पूरी तरह डूब चुकी हैं। किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हो चुका है। गांव के लोगों का कहना है कि पहले भी कई बार घग्गर नदी के उफान ने फसलों को तबाह किया है, लेकिन इस बार हालात और गंभीर दिखाई दे रहे हैं।
स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जाए और प्रभावित गांवों के लिए राहत कार्य शुरू किए जाएं। फिलहाल ग्रामीण अपनी मेहनत से बांध को मजबूत करने में जुटे हैं, लेकिन प्राकृतिक आपदा के सामने उनके प्रयास कब तक टिक पाएंगे यह कहना मुश्किल है।